Sunday, October 17, 2010

ravana dahan bhartiya sanskriti ke wiruddha

             दसहरा  के अवसर पर रावण का पुतला दहन भारतीय परम्पराओं एवं मानयताओं का अपमान है ! भारतीय परम्पराओं एवं मनायातएं  किसी भी   ब्यक्ति की मृत्यु के पश्चात उसका पुतला दहन की अनुमति नहीं देता किन्तु हमारे देश के महान नेता विद्वान आदि निरंतर हर साल उक्त मृत अत्मा का अपमान करते हैं !
             किसी ब्यक्ति को समसान में जलानें के बाद प्रसाद बांटने या खुसी मनानें का भी रिवाज भी हमारे देश में नहीं है किन्तु रावण जैसे महान शिव भक्त एवं महान विद्वान तथा महान ज्योतिषी जिसके ज्योतिष को भृगु संहिता से भी महान माना जाता है के साथ ऐसा अपमान सायद ishi